
बाबूजी की सेक्सी बातें सुन कर मेरा भी मन खराब होने लगा. पर वो मेरे ससुर थे. अभी भी वो एक हाथ से अपने लौड़े को ही मसल रहे थे जैसे कोई खुजली कर रहे हों. बिलकुल बेशर्मों की तरह अपना लण्ड सेहला रहे थे मेरे सामने और उनकी आँखें मेरे मम्मों पर ही थी,
मैं बात को घुमाते और अपनी जुबान में थोड़ा गुस्सा लाते बोली।







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